Monday, July 27, 2009

a scientist friend..

आज देखो हम फ़िर खड़े ,
जहाँ दिवंगत स्मिरितियों का स्मारक,
और आज फिर यह खेल चले,
तू कर्ता तो मैं कर्म कारक,
सृजन कर्ता पिरोता था जब तेरे मेरे ही अनु,
मनन तेरा, मनन मेरा, संबंधो का बस यह धारक,
अलग सी कोख से तू भी हँसा, मैं भी दिखा,
और आज जल रहे अलग अलग चिता पर,
तू भी विचारक, मैं भी विचारक॥

- आभास

Monday, May 04, 2009

question

मैं ख़ुद से क्यूं पूछू की कौन हूँ मैं ॥
जवाब मिलता भी तो शायद उसे न पाने की आरजू होती ...!!

Tuesday, April 28, 2009

The flute..

Random thoughts for the last hole of a flute....

छन से छनक जाती पायल का संदेस तो नही॥
नयनो से छलकते अश्रु का संवेद तो नही॥
भोर से किसी पग पर छलका कोई राग तो नही॥
मैत्री के किसी वादे का कोई भाग तो नही॥
कर्म पथ का कोई मुश्किल पाठ तो नही॥
हर्षित ह्रदय पर पड़ी कोई गाँठ तो नही॥
गुजरती हुई हर साँस का कोई भेद तो नही॥
कही तुम उस बांसुरी का आखरी छेद तो नही॥