Friday, September 20, 2024

Last evening and intoxication

 फ़ुरसत चाहता नहीं अब दुनिया की भाग दौड़ से.. 

तेरी रुसवाइयों से अच्छी अब मेरी थकी शाम है .. 


कहने को तो कह सकता हूँ तुझे बेवफ़ा मगर..

तेरी बेवफ़ाई की है मेहर, की मेरे हाथ में ये माशूकाना जाम है 


- आभास

Monday, February 12, 2024

बार बार

 अपनों ने भी परायेपन का यूँ एहसास दिलाया है..

जो दे हमको तकलीफ़ बस उसी को बार बार दोहराया है..


 _आभास_


#random

#night

#me_and_myself