फ़ुरसत चाहता नहीं अब दुनिया की भाग दौड़ से..
तेरी रुसवाइयों से अच्छी अब मेरी थकी शाम है ..
कहने को तो कह सकता हूँ तुझे बेवफ़ा मगर..
तेरी बेवफ़ाई की है मेहर, की मेरे हाथ में ये माशूकाना जाम है
- आभास
If there is a God, we must see Him; if there is a soul we must perceive it; otherwise it is better not to believe. It is better to be an outspoken atheist than a hypocrite. - Swami Vivekananda
फ़ुरसत चाहता नहीं अब दुनिया की भाग दौड़ से..
तेरी रुसवाइयों से अच्छी अब मेरी थकी शाम है ..
कहने को तो कह सकता हूँ तुझे बेवफ़ा मगर..
तेरी बेवफ़ाई की है मेहर, की मेरे हाथ में ये माशूकाना जाम है
- आभास
अपनों ने भी परायेपन का यूँ एहसास दिलाया है..
जो दे हमको तकलीफ़ बस उसी को बार बार दोहराया है..
_आभास_
#random
#night
#me_and_myself