भले की उम्मीद हो, वही बुराई का एह्सास दिला लेतॆ हैं...
दोस्तो के रन्ग भी अजब हैं, सहुलियत से मजाक बना लेते हैं!!
~ आभास
Tuesday, February 27, 2007
Thursday, February 01, 2007
standing on a sea beach....
उन दरख्तों से उस रेत तक, कुछ सायों की परछाइयां हैं...
मैं तन्हा सही इस मौज में लेकिन.... मेरे साथ मेरी रुसवाईयां हैं!!
~ आभास
मैं तन्हा सही इस मौज में लेकिन.... मेरे साथ मेरी रुसवाईयां हैं!!
~ आभास
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