ये तजुर्बा तेरे रक़ीबों के.. ये ही तो मेरा रक़ीब रहा..
तू ख़ुद को मुफ़लिस कहता रहा.. तेरा हुनर मेरे क़रीब रहा 🙏🙏
आभास
If there is a God, we must see Him; if there is a soul we must perceive it; otherwise it is better not to believe. It is better to be an outspoken atheist than a hypocrite. - Swami Vivekananda
ये तजुर्बा तेरे रक़ीबों के.. ये ही तो मेरा रक़ीब रहा..
तू ख़ुद को मुफ़लिस कहता रहा.. तेरा हुनर मेरे क़रीब रहा 🙏🙏
आभास
जाने क्यूँ भूल जाता हूँ ज़िंदगी की जद्दों जहद में
थक कर जब भी रुका हूँ, खुद ही ख़ुद को से खोया हुआ पाया है |
एक एक तिनका एक एक कतरे से जब भी किया मंजिल को मुकम्मल
नींदे सुकून ना मिली पर बेचैन सा अगली मंजिल का सपना नज़र आया है ||
- आभास
फ़ुरसत चाहता नहीं अब दुनिया की भाग दौड़ से..
तेरी रुसवाइयों से अच्छी अब मेरी थकी शाम है ..
कहने को तो कह सकता हूँ तुझे बेवफ़ा मगर..
तेरी बेवफ़ाई की है मेहर, की मेरे हाथ में ये माशूकाना जाम है
- आभास
अपनों ने भी परायेपन का यूँ एहसास दिलाया है..
जो दे हमको तकलीफ़ बस उसी को बार बार दोहराया है..
_आभास_
#random
#night
#me_and_myself
शब्द जब ख़त्म हो जाए
और आप सीम एक गोद में सिर रख सोना चाहे
जब नातो से मतलब
और प्रेम से तात्पर्य ख़त्म हो जाए
तब ऐसा लगता है की काश कोई ऐसा होता जो निशब्द समझ लेता
और तब आपको मित्रता का अर्थ समझ आता है…