Saturday, June 14, 2025

Foes and friends

 ये तजुर्बा तेरे रक़ीबों के.. ये ही तो मेरा रक़ीब रहा.. 

तू ख़ुद को मुफ़लिस कहता रहा.. तेरा हुनर मेरे क़रीब रहा 🙏🙏

आभास

Saturday, February 01, 2025

Long Lost Thoughts

 जाने क्यूँ भूल जाता हूँ ज़िंदगी की जद्दों जहद में 

थक कर जब भी रुका हूँ, खुद ही ख़ुद को से खोया हुआ पाया है |

एक एक तिनका एक एक कतरे से जब भी किया मंजिल को मुकम्मल 

नींदे सुकून ना मिली पर बेचैन सा अगली मंजिल का सपना नज़र आया है ||

- आभास

Friday, September 20, 2024

Last evening and intoxication

 फ़ुरसत चाहता नहीं अब दुनिया की भाग दौड़ से.. 

तेरी रुसवाइयों से अच्छी अब मेरी थकी शाम है .. 


कहने को तो कह सकता हूँ तुझे बेवफ़ा मगर..

तेरी बेवफ़ाई की है मेहर, की मेरे हाथ में ये माशूकाना जाम है 


- आभास

Monday, February 12, 2024

बार बार

 अपनों ने भी परायेपन का यूँ एहसास दिलाया है..

जो दे हमको तकलीफ़ बस उसी को बार बार दोहराया है..


 _आभास_


#random

#night

#me_and_myself

Monday, January 23, 2023

your eyes..

 तेरी आँखों में ही है कुछ गुस्ताखियों का सबब

भुला देती है सब कुछ, शाइस्तगी हो या अदब ।।

Monday, November 21, 2022

Road Trips...

Long term planners can take the liberty to be short term vagabonds.

Sunday, June 05, 2022

Sapphire…

शब्द जब ख़त्म हो जाए

और आप सीम एक गोद में सिर रख सोना चाहे

जब नातो से मतलब 

और प्रेम से तात्पर्य ख़त्म हो जाए

तब ऐसा लगता है की काश कोई ऐसा होता जो निशब्द समझ लेता 

और तब आपको मित्रता का अर्थ समझ आता है…